पर्वतीय देशों के उच्चवाच को प्रभावशाली ढंग से किस विधि द्वारा दर्शना संभव है।
A तल चिन्ह विधि
B पर्वतीय छाया करण विधि
C हैश्यूर विधि
D स्तर रंजन विधि
वह कौन सी भू-आकृति है जिसका आधार काफी चौड़ा तथा शिखर काफी पतला अथवा नुकीला होता है।
A पठार
B पर्वत
C जलप्रपात
D इनमें से कोई नहीं
यदि भूमि की ढाल को छोटी-छोटी और सटी हुई रेखाओं से प्रदर्शित किया गया हो तो उसे क्या कहा जाता है
A छायाकरन
B हैश्यूर
C समोच्च रेखाएं
D इनमें से कोई नहीं
यदी समोच्च रेखाओं द्वारा किसी नदी को प्रदर्शित करने में दो या दो से अधिक रेखाएं एक ही बिंदु पर मिलती दिखाई गई हो तो उस स्थान पर किस प्रकार की भू आकृति का अनुमान लगाया जाता है।
A झील
B पर्वत
C जलप्रपात
D इनमें से कोई नहीं
तल चिन्ह की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई उचाई को क्या कहा जाता है।
A स्थानिक ऊंचाई
B विशेष ऊंचाई
C समोच्च रेखा
D त्रिकोणमितीय स्टेशन
ज्वालामुखी से यदि पहाड़ी बनी है तो किस प्रकार दिखती है।
A गोलाकार
B वेरनाकार
C शंकुनुमा
D आयताकार
पर्वतीय छायाकरन विधि में भू-आकृतियों पर किस दिशा से प्रकाश पढ़ने की कल्पना की जाती है।
A उत्तर- पूर्व
B पूर्व- दक्षिण
C उत्तर- पश्चिम
D दक्षिण- पश्चिम
स्तर रंजन विधि के अंतर्गत मानचित्र में मैदान को किस रंग से दर्शाया जाता है।
A सफेद रंग
B नीला रंग
C लाल रंग
D हरा रंग
समुद्र की सतह के समानांतर समान ऊंचाई वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा क्या कहलाता है।
A तल रेखा
B समोच्च रेखा
C स्तर रंजन रेखा
D रेखा चिन्ह
इनमें में कौन उच्चावच प्रदर्शन करने की विधि नहीं है।
A स्तर रंजन
B सारणीकरण
C हैश्यूर
D पर्वतीय छायांकन
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