ट्रांसफॉर्मर एक युक्ति है
श्रेणी अनुनादी (L-C) परिपथ में अनुनाद की स्थिति में परिपथ में प्रवाहित धारा होती है
धारितीय प्रतिघात का S.I. मात्रक है
किसी ट्रांसफार्मर में क्या संभव नहीं है?
संधारित्र का शक्ति गुणांक लगभग है
किसी LCR परिपथ में ऊर्जा का क्षय होता है
प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न किया जाता है
प्रतिबाधा (Z) का S.I. मात्रक है
घरेलू विद्युत आपूर्ति की आवृत्ति 50 हर्ट्स है|धारा का मान शून्य हो जाने की आवृत्ति होगी
निम्नलिखित में से किसके लिए संधारित्र अनंत प्रतिरोध की तरह कार्य करता है?
प्रत्यावर्ती धारा मात्रक यंत्र कहलाता है
एक प्रतिरोधक के आर-पार प्रत्यावर्ती धारा का वोल्टेज मापा जा सकता है
तप्त तार ऐमीटर मापता है प्रत्यावर्ती धारा का
किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में शक्ति गुणांक अधिकतम होता है जब परिपथ
प्रत्यावर्ती धारा का समीकरण l =60sin 100πt है धारा के मूल - मध्य- वर्ग का मान होगा
ट्रांसफार्मर (डायनेमो) की क्रोड पटलित होती है
भारत में आपूर्ति की जा रही है प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति
ट्रांसफॉर्मर के कोर को परतदार बनाया जाता है, ताकि
प्रतिघात का मात्रक है
युक्ति जो वोल्टता को बढ़ा देता है उसे क्या कहते हैं?
डायनेमो के कार्य का सिद्धांत आधारित है
चोक कुंडली का कार्य सिद्धांत निम्न पर आधारित है:
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा एवं विभांतर के बीच कलांतर ∅ शक्ति गुणांक होगा
किसी परिपथ अवयव में विभवान्तर स्रोत के वि० वा० बल से भी अधिक है। वह
प्रत्यावर्ती धारा का SI मात्रक है।
किसी प्रेरक से प्रवाहित प्रत्यावर्ती धारा के प्रवाह में उत्पन्न बाधा को कहते हैं
श्रेणी अनुनादी परिपथ में Q-कारक की वृद्धि के लिए
धारितीय प्रतिघात का मात्रक है
अपचायी ट्रांसफार्मर बढ़ता है
किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में धारा i =5coswt एंपियर तथा विभव v =200 sin wt बोल्ट है परिपथ में शक्ति होनी है
प्रत्यावर्ती धारा का उष्मीय प्रभाव प्रमुखत: है
किसी L-C-R परिपथ में ऊर्जा का क्षय होता है
एक पूरे चक्र में प्रत्यावर्ती धारा का माध्य मान होता है
तप्त -तार अमीटर मापता है ,प्रत्यावर्ती धारा का
एक उच्चायी परिमापित्र मैं कुंडलियों के फेरों की संख्या के प्रथामक में N1 तथा द्वितीयक में N2 तक
एक चोक कुंडली का व्यवहार परिपथ में धारा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है
प्रेरकीय प्रतिघात का S.I. मात्रक है
वह यंत्र जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है, कहा जाता है
एक चोक-कुण्डली ऐसी कुण्डली होता है जिसका
ट्रांसफार्मर के कोर को परतदार बनाया जाता है ,ताकि
घरेलू विद्युत आपूर्ति की आवृत्ति 50 हर्टज है धारा का मान शून्य हो जाने की आवृत्ति होगी
प्रत्यावर्ती विद्युत धारा परिपथ में अनुनाद की अवस्था में धारा और वि० वा० बल के बीच का कलांतर होता है
शक्ति गुणांक का महत्तम मान होगा
तप्त तार आमीटर तथा तप्त तार वोल्टमीटर दोनों का कार्य सिद्धान्त धारा के निम्नलिखित में से किस प्रभाव पर आधारित है
प्रतिघात का मात्रक होता है
प्रतिबाधा (Impedance )का S.I मात्रक होता है
प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न किया जाता है
उच्च आवृत्ति के लिए संधारित्र का प्रतिघात
L-C-R परिपथ में यदि प्रतिरोध का मान बढ़ाया जाये तो Q-गुणांक का मान
ऐम्पियर इकाई है